इंदौर. जंगल में सागवान की लकड़ी काटने गए 6 लोगों को शुक्रवार को वन विभाग के एक चौकीदार ने रोका तो आरोपियों ने उससे विवाद किया। आरोपी उसे जानते थे और चौकीदार को बोला कि जाकर अपना काम करे। वे तो लकड़ी काटेंगे। जब चौकीदार उनके पास गया तो आरोपियों ने उसे पीट-पीट कर मार डाला।
सिमरोल पुलिस के अनुसार चोरल गांव के पास उमठ गांव के जंगल में वन विभाग के चौकीदार 60 वर्षीय अनिल पिता पीरिया की हत्या कर दी गई। पुलिस ने उसकी हत्या में गांव के ही जयमल पिता मेवाराम, पप्पू पिता मेवाराम, रेखा पति जयमल, शर्मिला पति पप्पू, कल्लू पिता दिलीप, सजन बाई पति मेवाराम और शांति बाई पति कल्लू के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया है। मृतक की पत्नी ने पुलिस को रिपोर्ट दर्ज करवाई है कि वह और उसका पति अनिल वन विभाग में चौकीदारी करते (ठेके पर) हैं। वे दोनों सुबह 10 बजे झलकुंड मली जंगल पहुंचे थे। वहां पर तीनों महिलाएं सागवान की लकड़ियां काट रही थी। इस पर पति अनिल ने उन्हें टोका। कहा कि यदि तुम्हें जलाऊ लकड़ी चाहिए तो ले जाओ, लेकिन सागवानी की लकड़ी मत काटो। इस पर महिलाओं ने विरोध किया, बोली कि ये जंगल तेरा नहीं है। वे विवाद करने लगीं और फिर पास में ही लकड़ी काट रहे अपने पतियों को भी आवाज देकर बुला लिया। यह देख अनिल की पत्नी घबरा गई और कोने में खड़ी हो गई। उसके सामने ही आरोपियों ने उसके पति को लाठियाें व लात-घूसों से पीटा। उसे तब तक मारा जब तक की उसकी सांस नहीं उखड़ गई। तभी वहां गांव का पप्पू उर्फ पपिया पहुंचा। उसने बीच-बचाव भी किया, लेकिन आरोपी नहीं माने उसे मारते रहे। तभी अनिल की पत्नी मौका देखकर घर भागी, लेकिन आरोपियों ने उसे भी रास्ते में रोककर पीटा। फिर महिला उनसे बचते हुए घर पहुंची। वहां पास में रहने वाले आपने रिश्तेदारों को जानकारी दी। वे लोग जंगल पहुंचें तो अनिल का शव पड़ा हुआ था। वे लोग गांव से खटिया ले जाकर उसका शव लाए। फिर थाने पहुंचकर केस दर्ज करवाया। उधर, पुलिस को आरोपी शांती बाई ने भी अनिल द्वारा मारपीट और धमकी की शिकायत की है।